Sunday, June 17, 2018

अनुवाद के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं


आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में अनुवाद के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं । सभी सरकारी कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी को अधिकाधिक बढ़ावा दिया जा रहा है । समस्त प्रपत्रज्ञापनपरिपत्रसूचनाअधिसूचना एवं विज्ञापन द्विभाषी (अंग्रेजी व हिन्दी) में जारी किये जाते हैंजिसके लिए अनुवादक की आवश्यकता पड़ती है । कई प्रपत्रोंअभिलेखों का अंग्रेजी से हिन्दी एवं हिन्दी से अंग्रेजी में अनुवाद किया जाता है । इसके लिए सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानो में हिन्दी अनुवादक की नियुक्ति की जाती है ।

संसदीय राजभाषा समिति के 9वें खंड की संस्तुतियों पर माननीय राष्ट्रपति जी के आदेश संकल्प के रूप में दिनांक  31 मार्च, 2017 को जारी किए गए थे जिसके संस्तुति संख्या 12 के अनुसार- विभिन्न कार्यालयों में राजभाषा संबंधी रिक्त पड़े हुए पदों को अविलम्ब भरा जाए ।
संस्तुति संख्या 22 के अनुसार- सभी केन्द्रीय कार्यालयों में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन हेतु कम से कम एक हिन्दी पद अवश्य सृजित किया जाए । राजभाषा नीति के कार्यान्वयन हेतु न्यूनतम हिन्दी पद सृजन की इस अवधारणा को तत्काल लागू किया जाए ।
संस्तुति संख्या 62 के अनुसार- नए सृजित हिन्दी पदों तथा खाली पड़े हिन्दी पदों को तत्काल भरा जाए ।
संस्तुति संख्या 75 के अनुसार- विदेश मंत्रालय के विदेशों में स्थित अधीनस्थ कार्यालयों/दूतावासों इत्यादि में हिन्दी के पदों का सृजन किया जाना चाहिए । जिन कार्यालयों/दूतावासों में हिन्दी के पद रिक्त पड़े हुए हैं, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र भरा जाना चाहिए ।
संस्तुति संख्या 100 के अनुसार- कर्मचारी चयन आयोग द्वारा देश भर में स्थित विभिन्न कार्यालयों में रिक्त पड़े हुए हिन्दी पदों को तत्काल भरने के लिए ठोस एवं कारगर कार्य योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना चाहिए ।

इनके द्वारा होती है अनुवादक की भर्ती
कर्मचारी चयन आयोगलोक सेवा आयोगबैंकिंगविश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानो द्वारा समय-समय पर कनिष्ठ हिन्दी अनुवादकवरिष्ठ हिन्दी अनुवादक व राजभाषा अधिकारी की भर्ती की जाती हैजिन्हें अंग्रेजीहिन्दी एवं संस्कृत का ज्ञान होना आवश्यक है साथ ही कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान भी होना चाहिए । विभिन्न विभागों में लैंग्वेज इंटरप्रेटर (भाषा अनुवादक) की भर्ती की जाती है । विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ डी आई) के आने से भी भाषा विशेषज्ञों की मांग में बढ़ोत्तरी हो रही है । आने वाले समय में विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वालो की मांग काफी बढ़ जायेगी । मल्टीनेशनल कंपनीयों में भी भाषा अधिकारीयों की भर्ती की जाती हैजो अनुवाद का काम भी करते   हैं । इसके अलावा देश की प्रमुख भाषाएं जैसे कन्नड़तमिलतेलगुअसमी आदि के लिए भी अनुवादकों की नियुक्ति की जाती है । बहुत सी ऐसी कंपनीयां हैं जो अनुवादकों की नियुक्ति करती हैं तथा उनका विभिन्न संस्थानों से अनुवाद कार्य हेतु अनुबंध (टाई-अप) भी है ।

सुरक्षित है इस क्षेत्र में करियर
 अनुवाद के क्षेत्र में करियर बनाना काफी सुरक्षित है । इसके लिए संबंधित भाषा में स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री अनिवार्य  है । इसके अलावा कई शैक्षणिक संस्थानो द्वारा अनुवाद में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करवाया जाता है । कुछ दूरस्थ शिक्षण संस्थानो जैसे इग्नूराजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी में भी डिस्टेन्ट लर्निंग के माध्यम से अनुवाद मे एक वर्षीय डिप्लोमा एवं एम.ए इन ट्रांसलेशन की डिग्री प्रदान की जाती है यदि आपने स्नातक विषय में किसी एक भाषा (हिन्दी/अंग्रेजी) का चयन किया है और संबंधित संस्थान में उसी भाषा के अनुवादक की जरूरत है तो आपके चयन की संभावना भी बढ़ जाती है ।

यह है इसका पाठ्यक्रम
 अनुवाद पाठ्यक्रम में अनुवाद की परिभाषाप्रकारअभ्यासस्रोत भाषा व लक्ष्य भाषाभावानुवाद एवं सारानुवाद इत्यादि के बारे मे जानकारी दी जाती है । इसमें अनुवाद से सम्बन्धित एसाइनमेन्ट तथा प्रोजेक्ट वर्क दिया जाता है ताकि विद्यार्थी अनुवाद कार्य में निपुण बन सके ।
 साफ्टवेयर की मदद से भी होता है अनुवाद का कार्य
 अनुवाद कार्य हेतु विभिन्न प्रकार के साफ्टवेयर भी आ चुके हैं जैसे गूगल ट्रांसलेटरमंत्रामशीन ट्रांसलेशन इत्यादि । कई संस्थानो में अनुवाद के क्षेत्र में प्रोजेक्ट चल रहे हैंजिसके लिए भाषा में योग्यता रखने वालों को नियुक्त किया जाता है।

 परीक्षा का प्रारूप
 अनुवादक बनने के लिए भाषा पर पकड़ जरूरी है । अनुवादक पद हेतु लिखित व मौखिक परीक्षा ली जाती है । लिखित परीक्षा में सम्बन्धित भाषा के व्याकरणसाहित्य व भाषा विज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं तथा दीर्घ उत्तरी प्रश्नों में निबंधपत्ररिपोर्टअनुवाद कार्य दिया जाता है । वहींमौखिक परीक्षा (इंटरव्यू) में भाषा का अधिकाधिक ज्ञान परखा जाता है । कई जगहों पर केवल लिखित परीक्षा के मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति होती है ।

 भविष्य है काफी उज्ज्वल
 इस प्रकार हम यह कह सकते है कि इस क्षेत्र में तैयारी कर रहे प्रतियोगी विद्यार्थीयों का भविष्य काफी उज्ज्वल है तथा इसमें रोजगार की अपार सम्भावनाएं निहित हैं । आप इस क्षेत्र में अनुवादकराजभाषा अधिकारीसहायक निदेशक, निदेशक आदि पदों पर अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं । विदेश मंत्रालय के अंतर्गत हिन्दी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकारिक भाषा बनाने का प्रयास भी चल रहा है जिसके सफल होने के पश्चात विदेश में हिन्दी अनुवादक की मांग और भी बढ़ जाएगी ।
                                                     
शशांक पाठक
कनिष्ठ हिन्दी अनुवादक
आईआईटी (बी.एच.यू)वाराणसी ।


No comments:

Post a Comment